Description
संतोष पावरा अपने आदिवासी समुदाय के सृजनशील चितेरे और गायक हैं। इनकी मुख्य अभिरुचि गीतों में है जिसकी रचना ये सामाजिक बदलाव के लिए करते हैं। महाराष्ट्र के खानदेश में चल रहे आदिवासी-मजदूर आंदोलन में इनके गीत बहुत लोकप्रिय हैं और ये स्वयं को साहित्यकार नहीं बल्कि आंदोलन का एक सजग कार्यकर्ता मानते हैं। जयपाल जुलियुस हन्ना साहित्य पुरस्कार 2023 से सम्मानित ‘हेम्टू’ (अतिक्रमण) के गीत पावरा/बारेला आदिवासी भाषा में रची गई है जिनका हिंदी अनुवाद स्वयं कवि ने किया है। इस प्रकार यह एक द्विभाषी काव्य-संग्रह है। महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध आदिवासी कवि वाहरू सोनवणे ने इसकी भूमिका में कहा है कि ‘हेम्टू आदिवासी अस्तित्व चेतना और सामाजिक विद्रोह की बुलंद आवाज है।’
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