जंगल में यह कौन घुसा है
June 6, 2022![](https://jharkhandiakhra.in/wp-content/uploads/2019/04/Jangal-Men-Yah-Kaun-Ghusa-Hai-Sardar-Singh-Meena-1140x641.jpg)
‘जंगल में यह कौन घुसा है’ सरदार सिंह मीणा का पहला कविता संग्रह है। यह जितना रोमांसवादी है, उतना ही प्रकृतिवादी भी है। बहुत ही सरल, सहज और साफगोई से कही गई सौ से ज्यादा कविताएं हैं इसमें। हिंदी कविता के कलावादी प्रपंचों और आडम्बरों से अलग। बरसाती नदी की तरह कभी सूखी (कमजोर व कच्ची) हुई, कभी भरी (प्रौढ़ व कलात्मक) हुई और कभी दहाड़ती (वैचारिक सुदृढ़ता लिये) हुई। ऐसा होना स्वाभाविक है क्योंकि यह उनकी पहली रचना-यात्रा का पहला-पहला पड़ाव है। या यूँ कहे कि प्रस्तुत काव्य संग्रह एक कवि के सृजनात्मक सफर की शुरुआत है, मंजिल नहीं। कविता के प्रेमी पाठकों और आदिवासी साहित्य के अध्येताओं के लिए सरदार सिंह मीणा की ओर से यह एक नायाब तोहफा है।