नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023


नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, जो पिछले लगभग 50 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है, प्रकाशन जगत का एक प्रमुख वार्षिक उत्सव बन चुका है। नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023, 25 फरवरी से 05 मार्च, 2023 तक प्रगति मैदान, नई दिल्ली के नवर्निमित हॉल संख्या 2-5 में आयोजित किया जाएगा। नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित किया जाता है, जो शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संगठन है। मेले का सह-आयोजक, भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) है।

वर्तमान में भारतीय प्रकाशन उद्योग विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, सभी भागीदारों को इस बढ़ते प्रकाशन उद्योग के साथ व्यापार करने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है। यह मेला पुस्तकों, सह-प्रकाशन व्यवस्थाओं तथा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भी एक आदर्श स्थान है। मेले के दौरान साहित्यिक एवं प्रकाशन से संबंधित संगोष्ठियों एवं कार्यक्रमों के आयोजन के अतिरिक्त, यह मेला दक्षिण एशिया के प्रकाशन एवं बौद्धिक जगत के द्वार भी खोलता है। मेला विश्वभर के प्रमुख प्रकाशन-गृहों को भागीदारी के लिए अपनी ओर आकर्षित करता है। वर्ष 2021 में मेला
वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया व इस प्लेटफार्म को 2.8 मिलियन से अधिक हिट मिले। यहाँ लगभग 150 भारतीय प्रदर्शकों व लगभग 15 विदेशी प्रदर्शकों तथा 70 देशों से आगंतुकों ने भाग लिया।

प्रकाशन संस्थाएं और आदिवासी साहित्य
यह जगजाहिर तथ्य है कि आदिवासी भाषाओं में और हिंदी-अंग्रेजी सहित अन्य प्रादेशिक भाषाओं में लिखित आदिवासी साहित्य के प्रकाशन के लिए आजादी के 75 साल बाद भी सरकारी और गैर-सरकारी दोनों स्तरों पर प्रकाशन की कोई नीति और समुचित व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि केंद्रीय और राज्य स्तरीय साहित्यिक अकादमियां भी इस दिशा में अब तक उदासीन बनी हुई हैं। भारत के बड़े प्रकाशन संस्थानों, जैसे राजकमल, वाणी, प्रभात, पेंग्वीन आदि की प्रकाशन सूचियों से जानकारी मिलती है कि आदिवासी साहित्य की छपाई में इनकी रुचि नहीं के बराबर है। इस मामले में हिंदी और अंग्रेजी तथा तमिल, तेलुगू, मलयालम, राजस्थानी, गुजराती आदि प्रकाशकों का रवैया एक जैसा ही है।

विश्व पुस्तक मेला और आदिवासी प्रकाशन
पिछले 50 वर्षों के दौरान आज तक इस मेला में आदिवासी रचनाओं, लेखकों और प्रकाशनों की भागीदारी के लिए न तो सरकार द्वारा, और न ही स्वयंसेवी नागरिक संस्थाओं द्वारा कोई पहल की गई है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भी भारत के प्रथम निवासियों के साहित्य के प्रकाशन, प्रोत्साहन और प्रसार के प्रति बरता जा रहा यह रवैया देश के 20 करोड़ आदिवासियों की साहित्यिक संपदा और ज्ञान परंपरा की घोर अवहेलना है।

विश्व पुस्तक मेला में आदिवासी साहित्य और प्रकाशन संस्थानों के भागीदारी की आवश्यकता
अपने पुरखौती सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई हक-हकूक, जल जंगल जमीन की रक्षा और संवैधानिक अधिकारों की बहाली के लिए हम भारत के आदिवासी लोग लगातार संघर्ष में हैं। इस ऐतिहासिक संघर्ष की अभिव्यक्ति हमारी वाचिक परंपरा और लिखित साहित्य दोनों में समान रूप से होती आ रही है। इसलिए यह जरूरी है कि 2023 में आयोजित हो रहे नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में आदिवासी साहित्य, प्रकाशन संस्थान और लेखकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए भारत की विभिन्न आदिवासी भाषाओं सहित हिंदी, अंग्रेजी एवं क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित आदिवासी साहित्य को वैश्विक पाठक संसार तक ले जाने के लिए रांची, झारखंड स्थित पेशेवर प्रकाशन संस्थान प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन द्वारा बुक स्टॉल लगाया जा रहा है। जिससे विश्व पुस्तक मेला में आदिवासी लेखकों, उनकी कृतियों और प्रकाशनों को भी भाग लेने का अवसर मिले तथा झारखंड सहित देश के विभिन्न आदिवासी भाषाओं में सामुदायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत प्रयासों से प्रकाशित हो रहे आदिवासी साहित्य और लेखकों व प्रकाशकों से देश और दुनिया के लोग परिचित हो सकें।

आमंत्रण
विश्व पुस्तक मेला में आदिवासी साहित्य का अखिल भारतीय स्वरूप प्रस्तुत हो और पाठक उसकी वैविध्यपूर्ण समृद्ध स्टोरीटेलिंग का साक्षात्कार कर सकें इसके लिए हम आपकी/आपके संस्थान की भागीदारी आमंत्रित कर रहे हैं।

आदिवासी इंडीजिनस बुक अखड़ा स्टॉल
अगर आप एक आदिवासी लेखक, प्रकाशन संस्थान या पत्र-पत्रिका के संपादक हैं, तो आप अपनी या अपने संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तकों को मेला में बिक्री और प्रदर्शन के लिए हमें भेज सकते हैं। आपकी किताबें और प्रकाशनों को प्रदर्शन और बिक्री के लिए हम मेला में अपने बुक स्टॉल- आदिवासी इंडीजिनस बुक अखड़ा – में समुचित स्थान और बुकसेल्फ उपलब्ध कराएंगे। भारतीय आदिवासी साहित्य के प्रोत्साहन और प्रसार के लिए यह सेवा आपको और आपके प्रकाशन संस्थान को बिल्कुल निःशुल्क दी जाएगी।

बुक लांच, राइटर्स टॉक और नेशनल सिम्पोजियम
विश्व पुस्तक मेला के सेमिनार हॉल में हम दो मुख्य कार्यक्रम आयोजित करेंगे। जबकि तीसरा आयोजन मेला परिसर से बाहर किया जाएगा।

  1. बुक लांच और राइटर्स टॉक
    इस कार्यक्रम में आपके द्वारा प्रकाशित किताब और उसके लेखक को यथा संभव समय दिया जाएगा। शर्त रहेगी कि किताब बिल्कुल नई हो और न तो वह बिक्री के लिए पहले से उपलब्ध हो और न ही उसे सार्वजनिक रूप से लोकार्पित किया गया हो।
  2. ‘अदिवासियत का संघर्ष, आदिवासी साहित्य और प्रकाशन’ विषय पर नेशनल सिम्पोजियम
    मेले में ‘अदिवासियत का संघर्ष, आदिवासी साहित्य और प्रकाशन’ विषय पर आयोजित नेशनल सिम्पोजियम में एक प्रकाशक, लेखक और संपादक के बतौर विशिष्ट वक्ता के रूप में आप आमंत्रित रहेंगे। हमारी कोशिश होगी कि इस नेशनल सिम्पोजियम में भारत के सभी दिशाओं से प्रमुख आदिवासी लेखकों, संपादकों और प्रकाशकों की भागीदारी हो पाए।
  3. आदिवासी प्रकाशकों के नेशनल नेटवर्क की स्थापना
    मेले के दौरान दिल्ली में आदिवासी लेखकों, संपादकों और प्रकाशकों की एक बैठक आपसी समन्वय, सहयोग और नेटवर्क बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाने का प्रस्ताव है। इस बैठक में हम आपकी सहभागिता भी आमंत्रित कर रहे हैं।
    ध्यान रखें:
  • इन तीनों कार्यक्रमों में या किसी एक में भी अगर आप शामिल होना चाहते हैं तो कृपया अपनी लिखित सहमति हमें 15 जनवरी 2023 तक जरूर भेज दें। इस निर्धारित तिथि के बाद आपकी सहभागिता पर विचार कर पाना संभव नहीं हो सकेगा।
  • कार्यक्रम नंबर 1 और 2 के आयोजन की प्रस्तावित तारीख 1 और 2 मार्च और समय सायं 4 से 5.30 बजे का होगा।
  • कार्यक्रम नंबर 3 का आयोजन 28 फरवरी की शाम को मेला परिसर से बाहर दिल्ली में किसी सुविधाजनक स्थल पर किया जाएगा।

सुविधाएं –

  1. मेला के दौरान रहने और खाने की निःशुल्क सामुदायिक व्यवस्था की जाएगी।
  2. विशेष आमंत्रित प्रकाशकों, लेखकों और संपादकों को थ्री एसी का रेल किराया हम वहन करेंगे।
  3. दिल्ली में निर्धारित आवास स्थल से मेला (प्रगति मैदान) तक आने-जाने का व्यय सहभागियों को स्वयं वहन करना होगा। हम केवल आमंत्रित अतिथियों के आने-जाने की व्यवस्था करेंगे।

नियम एवं शर्तें –

  1. अगर आप लेखक हैं तो हम आपके द्वारा स्वयं प्रकाशित पुस्तकों के लिए सेल्फ उपलब्ध कराएंगे।
  2. अगर आप लेखक हैं और आपकी पुस्तक किसी बड़े-छोटे प्रकाशन संस्थान ने छापी है और वह प्रकाशन संस्थान स्वयं मेला में स्टॉल लगा रहा है तो हम आपको शामिल नहीं कर पाएंगे।
  3. मेला के लिए आपको अपनी पुस्तकें 20 फरवरी 2023 तक पार्सल अथवा कोरियर द्वारा दिल्ली में इस पते पर भेज देनी होगी-
    • मनजीत मीणा
      24/5, चौथी मंजिल, बंक हाउस पीजी के पास,
      इंदिरा विकास कॉलोनी, मुखर्जी नगर, नई दिल्ली 110009
      चलभाष: 9999722765
      (किताबें भेजने के बाद उसकी पोस्टिंग रसीद और भेजी गई किताबों की विस्तृत सूची, जिसमें किताब और लेखक का नाम, मूल्य, प्रतियों की संख्या वर्णित हो, 9262975571 पर जरूर व्हाट्सएप्प कर दें )
  4. अगर आप मेला में खुद आ रहे हैं तो 25 फरवरी 2023 तक किताबें ला सकते हैं।
  5. दिल्ली तक किताबें पहुंचाने और उन्हें वापस ले जाने का पैकेजिंग, पार्सल या कोरियर खर्च आपको स्वयं वहन करना होगा।
  6. पुरानी और डैमेज किताबें या पत्र-पत्रिकाएं स्वीकार नहीं की जाएगी।
  7. पुस्तकों के निर्धारित मूल्य पर 10 प्रतिशत की छूट देना अनिवार्य है। आप चाहें तो इससे भी ज्यादा छूट दे सकते हैं।
  8. पुस्तकों की कुल बिक्री पर न्यूनतम 30 प्रतिशत राशि आयोजक संस्थान को देना अनिवार्य है।
  9. ट्रांसपोर्टेशन और मेला के दौरान आकस्मिक तौर पर होने वाले डैमेज की जिम्मेदारी लेखक, संपादक और प्रकाशन संस्थानों की स्वयं होगी। इसके लिए किसी भी स्थिति में प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन को जिम्मेदार नहीं माना जाएगा।

इस संबंध में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो, तो उसका स्वागत रहेगा।
व्हाट्सएप्प और चलभाष: 9262975571 | ईमेल: pkfbooks@jharkhandiakhra.in
फेसबुक: @AdivasiLiterature | यूट्यूब: @JharkhandiBhashaAkhra | ट्वीटर: @JharkhandiAkhra
आधिकारिक वेबसाइट: @kharia | प्रकाशन वेबसाइट: @jharkhandiakhra.in

आइए और नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 में शामिल होकर इसके 5व सालों के इतिहास को आदिवासी साहित्य की धमक से बदल डालें!

नये साल की शुभकामना और रचनात्मक सहभागिता की आशा में,
वंदना टेटे
आयोजक, आदिवासी इंडीजिनस बुक अखड़ा स्टॉल
मुख्य कार्यकारी
प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन
रांची (झारखंड)